Late Shri Purushottam Govind Perlekar’s —“Sankalan”75
क़ासिद के आने तक ख़त एक और लिख रखूं, हमें मालूम है क्या लिखेंगे जवाब में वो. खुदा करे मोहब्बत में वो मक़ाम आये, किसी का नाम लूँ,लब पर तुम्हारा नाम आये. देखिएगा सम्हल के आईना, सामना आज है मुकाबिल का. यह बाज़ी मोहब्बत की बाज़ी है नादाँ , इसे जीतना है… Continue reading Late Shri Purushottam Govind Perlekar’s —“Sankalan”75